मसूरी दिगम्बर जैन मंदिर

एक दृष्टि में

  • नाम
    श्री 1008 दिगम्बर पंचायती मंदिर मसूरी
  • निर्माण वर्ष
    मंदिर जी का गर्भगृह 150 वर्ष प्राचीन है
  • स्थान
    लण्ढोर, सदर बाजार, मसूरी
  • मंदिर समय सारिणी
    सुबह 6 बजे से 11 बजे तक तथा आप मंदिर जी में संपर्क करके खुलवा सकते है
पंचायती मंदिर मसूरी जी परिचय
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मसूरी को मुख्य इसकी सुन्दर तथा मनमोहक पहाड़ियों के लिए जाना जाता है। मसूरी से लगभग 4 किलोमीटर की दुरी पर चम्बा मसूरी रोड पर है लण्ढोर शहर। लण्ढोर का निर्माण ब्रिटिशों द्वारा एक सेनेटरी के रूप में किया गया था, बाद में यह एक शहर बन गया। लण्ढोर में स्थित है श्री 1008 दिगम्बर पंचायती मंदिर। मंदिर जी के निर्माण से पहले यह, यहाँ रहने वाले एक संपन्न जैन परिवार का चैत्यालय था। क्षेत्र में ही निसीमा हॉटल है जिसके मालिकों के द्वारा चैत्यालय की देख रेख की जाती थी। बाद में उनकी मृत्यु के पश्चात चैत्यालय को मसूरी जैन समाज को दे दिया गया। जैन समाज द्वारा बाद में मंदिर जी का निर्माण कर, मंदिर जी में अन्य वेदियों की स्थापना की गई। वर्तमान में मंदिर जी में 3 वेदिया स्थापित है, जिनमें से मूल वेदी में श्री 1008 महावीर भगवान जी की अष्ट धातु की प्रतिमा विराजमान है। मंदिर जी की दूसरी एवं प्राचीन वेदी में श्री 1008 अनंतनाथ भगवान जी की अष्ट धातु वाली प्रतिमा व अन्य अष्ट धातु वाली प्रतिमाएँ विराजमान है। तीसरी वेदी में श्री 1008 बाहुबली जी की खड्गासन वाली सफेद पाषाण से बनी प्रतिमा विराजमान है।


सुविधाए एवं धर्मशाला

मसूरी के जैन समाज द्वारा क्षेत्र में श्री दिगंबर जैन महावीर भवन (धर्मशाला) का निर्माण कराया गया है। धर्मशाला में 50 कमरें बने हुए है। कमरों में सिंगल बैड तथा डबल बैड दोनों की व्यवस्था है। धर्मशाला में भोजनालय की व्यवस्था भी बनी है, जहाँ सात्विक भोजन बनाया जाता है। दूर से आने वालें यात्रिओं के लिए धर्मशाला एक बड़ा लाभकारी साधन है। अन्य अवसरों पर भी धर्मशाला का प्रयोग किया जाता है।


मसूरी, लण्ढोर क्षेत्र के बारे में

मसूरी की दुरी देहरादून से लगभग 28 किलोमीटर है। मसूरी में प्रतिवर्ष लाखो की संख्या में लोग इसकी सूंदर तथा मनमोहक वादियों का आनंद लेने आते है। मसूरी से लगभग 4 से 5 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है लण्ढोर। लण्ढोर को यहाँ पर स्थित देवदर पेड़ तथा पुराने बने बंगलो की लिए जाना जाता है। ब्रिटिश समय में लण्ढोर का निर्माण सेनिटरी के रूप में किया गया था, बाद में धीरे धीरे यह एक क्षेत्र बन गया। देहरादून रेलवे स्टेशन से लण्ढोर की दुरी लगभग 31 किलोमीटर है। लण्ढोर पर दर्शनार्थी इसके शान्त तथा भीड़ वाली इलाकों से दूर होनें के कारण आते है। सन् 1835 में ब्रिटिश शासन काल के दौरान इसको पर्यटन स्थल घोषित किया गया। सन् 1959 में यहाँ राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी का निर्माण हुआ, जहाँ भारत के प्रशासनिक अधिकारिओं को ट्रेनिंग दी जाती है।