अम्बाला लाल जैन मंदिर आर्य नगर
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एक दृष्टि में

  • नाम
    श्री 1008 दिगम्बर जैन लाल मंदिर आर्य नगर अम्बाला कैंट
  • निर्माण वर्ष
    मंदिर जी का निर्माण सन् 2006 में हुआ है
  • स्थान
    आर्य नगर, अम्बाला कैंट, धवन हस्पताल के पीछे
  • मंदिर समय सारिणी
    ग्रीष्म ऋतु - सुबह 5 से 1 बजे तक, सांय 5 बजे से 9 बजे तक, शरद ऋतु - सुबह 5 से 11 बजे तक, सांय 5 बजे से 9 बजे तक
श्री 1008 दिगम्बर जैन लाल मंदिर आर्य नगर परिचय
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श्री 108 सौरभ सागर जी महाराज, आचार्य श्री 108 पुष्पदंत जी की प्रेरणा से व श्री दिगम्बर जैन सभा गुड़बाजार के द्वारा सन् 2006 में मंदिर जी का निर्माण कराया गया। मंदिर जी को जैन लाल मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। मूल वेदी में पाँच प्रतिमाएँ विराजमान है। मूल प्रतिमा भगवान श्री 1008 महावीर जी की अष्टधातु से बनी हुई है। मंदिर जी में अन्य प्रतिमाएँ भगवान श्री 1008 चन्द्रप्रभु जी, भगवान श्री 1008 आदिनाथ जी, भगवान श्री 1008 पार्श्वनाथ जी, भगवान श्री 1008 शान्तिनाथ जी की स्थापित है। सभी प्रतिमाएँ मनोहरी एवं चमत्कारी प्रतीत होती है। मंदिर जी में सन् 2023 में श्री 108 अभिनन्दन जी महाराज का चातुर्मास हुआ है। मंदिर जी में प्रतिदिन श्रद्धालु आकर जलाभिषेक करते है। मंदिर जी में एक बड़ा हॉल है साथ में मंदिर जी में नहाने की व्यवस्था भी की गई है व साफ-सफाई का भी ध्यान रखा गया है। मंदिर जी की देख-रेख का कार्य श्री दिगम्बर जैन सभा गुड़बाजार द्वारा किया जाता है।


सुविधाएं एवं धर्मशाला

मंदिर जी से थोड़ी दूर सदर बाजार, अम्बाला कैंट, हरगोलाल के पीछे क्रॉस रोड 4 पर श्री दिगम्बर जैन धर्मशाला बनी हुई है जिसमे कुल 16 कमरे ए.सी. के साथ उपलब्ध है। धर्मशाला गुड़बाजार में स्थापित बड़ा जैन मंदिर तथा छोटा जैन मंदिर जी के आधीन आती है। धर्मशाला में दो बड़े हॉल है जो हर प्रकार के शुभ अवसर के लिए उपलब्ध है साथ ही दो कमरे डबल बेड एवं सोफा के साथ उपलब्ध है। धर्मशाला में रिसेप्शनिस्ट की व्यवस्था भी है। धर्मशाला में लिफ्ट की सुविधा भी उपलब्ध है। धर्मशाला में किसी बड़े होटल की तरह ही सुविधांए प्रदान कराई जाती है व साफ सफाई का पूरा ध्यान रखा जाता है। धर्मशाला सभी वर्ग के लोगो के लिए उपलब्ध है। स्थानीय निवासियों के लिए श्री दिगम्बर जैन धर्मशाला एक महत्वपूर्ण साधन है। धर्मशाला के संचालन का कार्य श्री दिगम्बर जैन सभा गुड़बाजार द्वारा किया जाता है।


अम्बाला कैंट जैन समाज व योगदान

अम्बाला कैंट में जैन समाज का जनहित में भी सक्रिय योगदान रहा है इसमें कोई संदेह नहीं है। कई जैन संतों ने समय-समय पर अम्बाला शहर का दौरा किया है। हर साल जैन त्योहारों पर शोभा यात्रा निकाली जाती हैं जिनमें सभी वर्ग के लोग हिस्सा लेते हैं। क्षेत्र में पाँच सौ से भी अधिक दिगम्बर जैन परिवार स्थित है। यहाँ तक ​​कि जैन श्वेताम्बर मूर्ति पूजक संप्रदाय भी अम्बाला में स्थित है। अम्बाला कैंट में मंदिरो को लेकर एक सुंदर व्यवस्था आती है जिसमें क्षेत्र के सभी मंदिरो के संचालन का कार्य श्री दिगम्बर जैन सभा गुड़बाजार द्वारा किया जाता है। जैन समाज ने हर प्रकार के क्षेत्रीय कार्यो में बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया एवं स्थानीय समाज के लिए अनेक कार्य किए है जैसे की - क्षेत्र में श्री ऐ०डी० जैन द्वारा लॉर्ड महावीर जैन पब्लिक स्कूल, अम्बाला कैंट का निर्माण सन् 1995 में कराया गया जिसमें 4000 से भी अधिक छात्र पढ़ते है। क्षेत्र में जैन गर्लस सीनियर सेकेंडरी स्कूल स्टाफ रोड, अम्बाला कैंट का निर्माण सन् 1930-1935 के बीच में कराया गया था। क्षेत्र में फिजियोथेरेपी सेंटर भी है जो 20-30 वर्ष पुराना है। जिसका निर्माण जैन समाज द्वारा करवाया गया है।


अम्बाला क्षेत्र के बारे में

अम्बाला को दो उपक्षेत्र में बाटा गया है जिन्हें अम्बाला शहर व अम्बाला छावनीं (कैंट) के नाम से जाना जाता है। अम्बाला हरियाणा व पंजाब की सीमा पर स्थित है। यह भारत की राजधानी दिल्ली से दो सौ किलोमीटर उत्तर की ओर शेरशाह सूरी मार्ग (राष्ट्रीय राजमार्ग नम्बर 1) पर स्थित है। अम्बाला शहर दो नदियों घग्गर ओर टांगरी नदी को अलग करता है। अम्बाला शहर का रेलवे जंक्शन उतर भारत का एक अभिन्न अंग है। अम्बाला शहर को वैज्ञानिक उपकरणो का शहर भी कहा जाता है। अंबाला एक महत्त्वपूर्ण औद्योगिक शहर भी है। वैज्ञानिक उपकरणों, सिलाई मशीनों, मिश्रण यंत्रों (मिक्सर) और मशीनी औज़रों के निर्माण तथा कपास की ओटाई, आटा मिलों व हथकरघा उद्योग की दृष्टि से अंबाला छावनी व शहर, दोनों उल्लेखनीय हैं। अम्बाला नाम की उत्पत्ति शायद महाभारत की अम्बालिका के नाम से हुई होगी। एक अन्‍य मत यह भी है कि यहाँ पर आमों के बाग बगीचे बहुत थे जिससे इस का नाम अम्‍बा वाला अर्थात अम्‍बाला पड़ गया। आज के जमाने में अम्बाला अपने विज्ञान सामग्री उत्पादन व मिक्सी उद्योग के लिए प्रसिद्ध है। अम्‍बाला को विज्ञान नगरी कह कर भी पुकारा जाता है क्योंकि यहाँ वैज्ञानिक उपकरण उद्योग केंद्रित है। भारत के वैज्ञानिक उपकरणों का लगभग 40 प्रतिशत उत्‍पादन अम्‍बाला में ही होता है।


समिति

अम्बाला में बहुत सुन्दर व्यवस्था देखने को सामने आती है। अम्बाला में 6 अलग-अलग स्थानों पर दिगम्बर जैन मंदिर है लेकिन सभी मंदिरो की देखरेख मुख्य रुप से श्री दिगम्बर जैन सभा गुड़बाजार द्वारा किया जाता है। सभी मंदिरो के संचालक अलग है पर सभी संचालक श्री दिगम्बर जैन सभा गुड़बाजार के मेम्बर्स है। समिति के सदस्य इस प्रकार है -

प्रधान का नाम - श्री वी० के० जैन जी (अधिवक्ता)

कोषाध्यक्ष का नाम - श्री राकेश जैन जी

अन्य मेंबर्स - श्री राजकुमार जैन जी, श्री विजय जैन जी, श्री अशोक जैन जी, सुनील जैन जी, ललित जैन जी, अरविंद जैन जी, आदेश जैन जी